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2.
निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को यहां राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की, ताकि मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कवायद शुरू करने की अपनी योजना को अंतिम रूप दिया जा सके। दो दिवसीय यह बैठक सितंबर के बाद से दूसरी बार हो रही है।
3.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि यदि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वाशिंगटन के साथ 'निष्पक्ष व्यापार समझौते' पर नहीं पहुंचते हैं तो वे चीनी वस्तुओं पर 155 फीसद शुल्क लगा देंगे। ट्रंप ने चीन के लिए मांगों की एक सूची पेश की, जिसमें उन्होंने दुर्लभ मृदा, फेंटेनाइल और सोयाबीन को वार्ता की मेज पर बेजिंग के साथ संबोधित करने के लिए अपने शीर्ष मुद्दों के रूप में शामिल किया।
4.
आ जादी के कई दशक बाद भी भुखमरी खत्म नहीं हुई है। जबकि बीते करीब आठ दशक से देश इस समस्या को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। फिर भी पूरी तरह सफलता नहीं मिली है। भले हम विकास के कितने भी दंभ भरें या यह कहें कि हमने तकनीक के मामले में कितनी सफलता हासिल कर ली है। मगर बहुत सारे लोगों के खाली पेट आज भी एक ऐसी सच्चाई है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। हालांकि भुखमरी की समस्या से केवल भारत ही नहीं जूझ रहा है, बल्कि दुनियाभर के लिए यह एक वैश्विक समस्या बन गई है। वैश्विक खाद्य संकट पर 2025 की एक रपट के मुताबिक, दुनिया में 29.5 करोड़ लोग आज भी ऐसे हालात में जी रहे हैं, जहां उनके लिए एक वक्त का खाना भी जुटा पाना मुश्किल है। यह विचारणीय है कि इक्कीसवीं सदी में भी करोड़ों लोग भूखे क्यों जीवन गुजारते हैं ? जबकि हर दिन लगभग एक अरब थालियों के बराबर खाद्य सामग्री बर्बाद कर दी जाती है। यह एक सच्चाई है कि जब दुनिया तकनीक, अंतरिक्ष यात्रा और कृत्रिम मेधा (एआइ) के साथ नई ऊंचाइयों को छू रही है, तब भी करोड़ों लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है।
5.
आ ज के तकनीकी युग में सेमीकंडक्टर चिप्स का महत्त्व इतना अधिक हो चुका है कि इनके बिना किसी भी डिजिटल उपकरण की कल्पना नहीं की जा सकती। चाहे वह मोबाइल हो, कंप्यूटर, वाहन या फिर अंतरिक्ष यान - सभी में सेमीकंडक्टर चिप की प्रमुख भूमिका होती है। कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया ठहर गई थी, तब सेमीकंडक्टर चिप की भारी कमी ने उत्पादन क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया। भारत ने इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए वर्ष 2021 में सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया और इस क्षेत्र के लिए 76 हजार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया। सिर्फ तीन वर्ष के भीतर भारत ने इस दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की।
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संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की रपट के अनुसार भारत कुल वन क्षेत्र के मामले में विश्व स्तर पर नौवें स्थान पर पहुंच गया है। वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में अपना तीसरा स्थान भी बरकरार रखा है। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के बड़े पैमाने पर वनरोपण और आम लोगो की अगुआई में हुए वन संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
7.
कृत्रिम मेधा (एआइ) से बनाए गए डीपफेक और कृत्रिम सामग्री से होने वाले नुकसान से उपयोगकर्ताओं को बचाने के लिए इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आइटी नियम, 2021 में संशोधन का मसौदा पेश किया है। प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य 'एआइ के जरिये कृत्रिम रूप से तैयार सामग्री' (सिंथेटिक कंटेंट) की स्पष्ट पहचान करना और बड़े सोशल मीडिया मंचों की जवाबदेही को बढ़ाना है।
8.
देश में आनलाइन खरीदारी की आदतें अब धीरे-धीरे त्योहारी मौसम पर कम निर्भर होती जा रही हैं लेकिन इस दौरान मोबाइल एवं इलेक्ट्रानिक श्रेणियों में बिक्री अब भी सबसे अधिक हुई है। एक रपट में यह निष्कर्ष पेश किया गया है। परामर्शदाता कंपनी रेडसीर की तरफ से जारी रपट कहती है कि भारत का आनलाइन खुदरा क्षेत्र अब पूरे वर्ष में अधिक संतुलित मांग की राह पर बढ़ रहा है।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) का स्वर्ण भंडार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 880 टन के स्तर को पार कर गया। इस भंडार में केंद्रीय बैंक ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में 0.2 टन सोना जोड़ा। आरबीआइ के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 26 सितंबर, 2025 तक सोने का कुल मूल्य 95 अरब डालर था। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, हाल के महीनों में सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की मांग में वृद्धि हुई है।
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नवीकरणीय ऊर्जा की 40 गीगावाट से अधिक परियोजनाएं बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर होने की अंतिम प्रकिया में है जिसके पूरा होने पर देश की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता जल्द ही 300 गीगावाट तक पहुंच जाएगी। बुधवार को आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
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भारत ने बुधवार को विकासशील और अल्प विकसित देशों से शुल्क बाधाएं, एकतरफा पर्यावरणीय प्रतिबंध और सेवा क्षेत्र में आने वाली रुकावटों जैसी वैश्विक व्यापार से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) के 16वें सत्र में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अब समय आ गया है कि 'ग्लोबल साउथ' अपनी साझा चिंताओं पर एकजुट होकर आवाज उठाए। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया अस्थिर स्थिति में है, जहां वैश्विक व्यापार प्रणाली कई तरह की अनिश्चितताओं, चुनौतियों और अस्पष्टताओं से घिरी हुई है।
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देश के इस्पात क्षेत्र को 2023-24 और 2024-25 के दौरान प्रमुख वैश्विक इस्पात उत्पादकों के सस्ते आयात और डंपिंग के कारण भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के नवीनतम बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। केंद्रीय बैंक के अक्तूबर बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि इस्पात आयात में वृद्धि देखी गई है जिसका मुख्य कारण आयात कीमतें कम होना है। इससे घरेलू इस्पात उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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विश्व आर्थिक मंच ने भारत सरकार के सहयोग से छोटे एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) तथा कृषि के लिए बुधवार को एआइ प्लेबुक पेश की। साथ ही देश में एआइ के जिम्मेदार इस्तेमाल में तेजी लाने के लिए एक एआइ सैंडबाक्स श्वेत पत्र भी जारी किया। विश्व आर्थिक मंच (डबलूईएफ) ने कहा कि इन्हें पेशेवर सेवा भागीदार बीसीजी एक्स के सहयोग से तैयार किया गया है। ये भारत में एआइ को जिम्मेदारी से समावेशी और बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए कार्रवाई योग्य ढांचे, क्षेत्रीय खाके और परिवेश मॉडल प्रदान करते हैं।
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एक अध्ययन के वैश्विक विश्लेषण में सामने खुलासा हुआ कि पहले पहले ज्यादातर युवाओं में मोटापे की वजह से होने वाले कैंसर के मामले, अब दुनिया भर में युवाओं के साथ साथ अधिक उम्र (बुजुर्ग) को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं। इसमें यह भी सामने आया है कि मोटापे की वजह से थायराइड, स्तन, गुर्दा, एंडोमेट्रियल और रक्त कैंसर समेत कुल पांच तरह के कैंसर के मामले शामिल हैं।
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भारत के स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल स्टेल्थ फ्रिगेट आइएनएस सह्याद्रि ने जापान के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास में हिस्सा लिया है। यह जापान के साथ 'मजबूत और निरंतर प्रगाढ़' होते नौसेना संबंधों को रेखांकित करता है। अधिकारियों ने बताया कि बहु-भूमिका वाले स्टेल्थ फ्रिगेट आइएनएस सह्याद्रि ने 16-18 अक्तूबर तक 'जेएआइएमईएक्स 25' -- जापान भारत समुद्री युद्धाभ्यास के समुद्री चरण में हिस्सा लिया।
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पद्म भूषण से सम्मानित डा चिटनिस ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति के शुरुआती वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में परिवर्तित हुआ। डा चिटनिस ने केरल के थुंबा में भारत के पहले राकेट प्रक्षेपण के लिए स्थल के चयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 1981 से 1985 तक डा चिटनिस ने अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के दूसरे निदेशक के रूप में कार्य किया। डा चिटनिस भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डा विक्रम साराभाई के अंतिम जीवित सहयोगियों में से एक थे।

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